Society | पहली फिल्म

आज 48 साल की हो रहीं ऐश्वर्या राय बच्चन की पहली फिल्म ‘और प्यार हो गया’ देखना कैसा अनुभव है

ऐश्वर्या राय बच्चन ने 1997 में रिलीज हुई ‘और प्यार हो गया’ से बॉलीवुड में कदम रखा था

Anjali Mishra | 01 November 2021

‘मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी इन खूबसूरत आंखों को मेरे सिवाय कोई देखे.’

यह ऐश्वर्या राय बच्चन की पहली फिल्म ‘और प्यार हो गया’ का एक संवाद है जो जाहिर है, इस फिल्म का नायक कहता है. ऐसा इश्क जिन आंखों से किया जा सकता हो वे ऐश्वर्या राय के अलावा शायद ही किसी और के पास हों. और अगर होंगी भी तो उन्हें उस खूबसूरती का साथ तो नहीं ही मिला होगा जितनी उनके पास है. इतनी खरी और असली सुंदरता कि अपने परफेक्शन के चलते ही नकली लगने लगे. यह बात ‘और प्यार हो गया’ के किसी भी दृश्य में ऐश्वर्या राय को देखकर कही जा सकती है. साथ ही, यह भी समझा जा सकता है कि क्यों हर लड़की सुंदरता की मात्रा में उन तक पहुंच जाना चाहती है.

साल 1994 में विश्व सुंदरी का खिताब जीतने वालीं ऐश्वर्या राय फिल्मों के आने के पहले ही मशहूर और सफल मॉडल रह चुकी थीं. इसीलिए साल 1997 में जब उन्होंने राहुल रवैल की ‘और प्यार हो गया’ से पदार्पण यानी डेब्यू किया तो गंगा जरा उलटी बह निकली, यानी फिल्म के कारण उनकी चर्चा होने के बजाय उनके कारण फिल्म ने चर्चा बटोरी. इस बात का पता उस समय छपी समीक्षाओं के साथ-साथ फिल्म की कमाई के आंकड़ों से भी चलता है जो पहले ही हफ्ते में इसकी लागत के दोगुने थे. फिल्म में ऐश्वर्या के नायक बॉबी देओल थे इसलिए भी ज्यादा क्रेडिट उन्हें दिया जा सकता है.

शायद यह अंदाजा फिल्मकार को भी था इसीलिए फिल्म में एक गाना ‘सितारा आंखें’ पूरी तरह से उनकी खूबसूरत आंखों की तारीफ को समर्पित है. बाकी गाहे-बगाहे तारीफनुमा संवाद तो आते ही रहते हैं. अब क्योंकि इनकी प्लेसिंग इतनी अटपटी है कि अंदेशा होता है कि ये ऐश्वर्या की कास्टिंग होने के बाद उन्हें ध्यान में रखकर लिखे गए और फिर फिल्म में ठूंस दिए गए हैं. अगर ये कल्पनाएं जरा भी सच हैं तो वे दुनिया की एकमात्र अभिनेत्री होंगी जिसे उसकी पहली फिल्म में इतनी तवज्जो दी गई होगी.

सिल्वर कलर का लहंगा पहने परदे पर पहली बार उतरी ऐश्वर्या राय जमकर ‘थोड़ा सा पगला, थोड़ा सयाना’ पर डान्स करती हैं. उनका यह लुक, खासतौर पर दोनों कलाइयों के बीच से सिर्फ आंखें दिखाने वाला वह फ्रेम, सालों-साल दीवारों पर, रिक्शों के पीछे, कॉपियों के कवर और तमाम तरह के पोस्टरों पर देखा गया है. यह इस कदर पहचाना हुआ है कि इसे फिल्म में देखना जरा अनजाना सा लगता है. अगर आप पहली बार यह फिल्म देख रहे हों तो आपके मुंह से बरबस ही निकलता है, अच्छा ये तस्वीर यहां की है! इस लुक में उन्हें पूरे चार मिनट तक डान्स करते देखकर लगता है कि उस दौर में लोगों को दीवाना बनाने के लिए यह गाना ही काफी रहा होगा और टिकट का पैसा वसूल भी. इसके अलावा बोनस यह कि इस गाने में ऐश्वर्या अपनी अदाओं और फुर्ती से आपको माधुरी दीक्षित के हिट नंबर ‘चने के खेत में’ की याद भी दिला जाती हैं.

पहली ही फिल्म में ऐश्वर्या राय में अपने ग्लैमरस और सेक्सी अंदाज से सालों-साल लोगों की फैंटेसी बने रहने वाली बात तो नजर आती ही है, अपने डान्सिंग टैलेंट से भी वे खूब मोहती हैं. लेकिन ऐसा उनके अभिनय के साथ नहीं हो पाता. वे जिस बनावटी या नाटकीय अंदाज में सांसें छोड़ते हुए संवाद बोलती हैं और बेकाबू-बेजान एक्सप्रेशन्स देती हैं, वह आपको बेहद निराश करता है. फिल्म में रईस बाप की लाड़ली और मनमानी करने वाली बेटी, आशी बनकर वे मेलोड्रामा की अति करती हैं, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने ‘हम दिल दे चुके सनम’ में की थी. रोने-ठुनकने और इतराने के उनके रोबोटिक तरीके उनकी बेपनाह सुंदरता के साथ थोड़े कम बुरे लगते हैं और अब तो दर्शकों को इनकी आदत हो चुकी है.

हां, ज्यादातर वक्त चुहल करने वाली आशी कुछेक दृश्यों में ही सही, लेकिन जब गंभीरता भरी चुप ओढ़ती है तो बहुत ग्रेसफुल लगती है. यह बाद में थोड़ी ज्यादा मात्रा में उनकी ‘देवदास’ और ‘जोधा-अकबर’ जैसी फिल्मों में नजर भी आता है. आज ‘और प्यार हो गया में’ ऐश्वर्या को देखकर आप इस संशय में पड़ सकते हैं कि इस बात खुश हों या दुखी कि वे पहली फिल्म से ही ऐसा प्लास्टिक अभिनय कर रही हैं. लेकिन हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि बतौर दर्शक आपको नाराज होना चाहिए कि फिल्म इंडस्ट्री में दो दशक से ज्यादा वक्त बिताने के बाद भी वे इस शिकायत को जरा भी दूर नहीं कर पाई हैं. कुल मिलाकर, रिलीज के 24 साल बाद यह फिल्म देखकर आपको बच्चन बहू के लंबे करियर की लंबाई पर आश्चर्य के अलावा कुछ और नहीं होता.

>> Receive Satyagrah via email or WhatsApp
>> Send feedback to english@satyagrah.com

  • After all, how did a tribal hero Shri Krishna become our Supreme Father God?

    Society | Religion

    After all, how did a tribal hero Shri Krishna become our Supreme Father God?

    Satyagrah Bureau | 19 August 2022

    Some pages from the diary of a common man who is living in Bihar

    Politics | Satire

    Some pages from the diary of a common man who is living in Bihar

    Anurag Shukla | 15 August 2022

    Why does Pakistan celebrate its Independence Day on 14 August?

    World | Pakistan

    Why does Pakistan celebrate its Independence Day on 14 August?

    Satyagrah Bureau | 14 August 2022

    Could a Few More Days of Nehru’s Life Have Resolved Kashmir in 1964?

    Society | It was that year

    Could a Few More Days of Nehru’s Life Have Resolved Kashmir in 1964?

    Anurag Bhardwaj | 14 August 2022